ITR Filing 2025: Capital Gains & Deadlines

ITR फाइलिंग 2025: नई तारीखें, कैपिटल गेन्स नियम और कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव

भारत में टैक्स सिस्टम हर साल बदलता रहता है और 2025 के लिए आईटीआर फाइलिंग में भी कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। खासकर कैपिटल गेन्स टैक्स के नियमों में जो जुलाई 2024 से लागू हुए हैं, वे करदाताओं के लिए बेहद जरूरी हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि 2025 के लिए ITR फाइलिंग में क्या-क्या नए नियम हैं, क्या बदलाव हुए हैं, और इनका आपके टैक्स पर क्या असर पड़ेगा।

ITR फाइलिंग की नई डेडलाइन

सबसे पहले बात करते हैं ITR फाइलिंग की डेडलाइन की। 2025 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख में कुछ विस्तार किया गया है जिससे टैक्सपेयर्स को अपने दस्तावेज़ और वित्तीय जानकारी को सही से तैयार करने का पर्याप्त समय मिल सके।

  • सैलरीड (Salaried) और HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) जो ऑडिट की जरूरत नहीं रखते — इनके लिए ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। यह उन लोगों के लिए राहत की बात है जो पहले की तुलना में ज्यादा समय लेकर अपना टैक्स रिटर्न सही तरीके से भर सकते हैं।
  • बिजनेस और प्रोफेशनल्स जिनके लिए ऑडिट जरूरी है — इनकी फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 है।
  • बेलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न — जो टैक्सपेयर्स समय पर फाइल नहीं कर पाते, वे 31 दिसंबर 2025 तक लेट फाइलिंग कर सकते हैं, लेकिन इसमें लेट फीस और ब्याज लगेगा।

कैपिटल गेन्स टैक्स: सबसे बड़ा बदलाव

इस वर्ष कैपिटल गेन्स टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है, जो 23 जुलाई 2024 से लागू हो चुका है। यह बदलाव खासतौर पर निवेशकों के लिए अहम है।

नया कैपिटल गेन्स फ्रेमवर्क क्या है?

इस नए नियम के तहत अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) सभी तरह की संपत्तियों पर एकसमान दर से टैक्स लगेगा। इसमें स्टॉक्स, गोल्ड, और प्रॉपर्टी शामिल हैं।

  • LTCG टैक्स दर बढ़कर 12.5% हो गया है (पहले कुछ मामलों में यह 10% था)।
  • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर भी टैक्स दर बढ़कर 20% हो गई है, जबकि पहले यह 15% था।

LTCG पर छूट का बढ़ावा

इक्विटी निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि LTCG पर मिलने वाली छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है। यानी अब आप 1.25 लाख तक के लाभ पर टैक्स नहीं देंगे।

प्रॉपर्टी पर नया नियम

रियल एस्टेट में LTCG टैक्स को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है, जो निवेशकों के लिए राहत की बात है। लेकिन इसके साथ एक बड़ा बदलाव यह भी है कि जो प्रॉपर्टी 1 अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई है, उस पर इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेगा। इंडेक्सेशन से पहले कैपिटल गेन्स को मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित किया जाता था, जिससे टैक्स कम लगता था।

सरकार ने यह सुविधा भी दी है कि 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए टैक्सपेयर्स पुराने नियम (इंडेक्सेशन के साथ) या नए नियम में से जो उनके लिए फायदेमंद हो, उसे चुन सकते हैं।

ITR फॉर्म और कैपिटल गेन्स का बंटवारा

ITR फॉर्म में भी अब कैपिटल गेन्स की डिटेल्स को नए नियमों के अनुसार अलग-अलग दिखाना अनिवार्य है। यानी यदि आपने किसी संपत्ति को 23 जुलाई 2024 से पहले बेचा तो पुराने नियम लागू होंगे, और 23 जुलाई के बाद बेचे गए संपत्ति पर नए नियम।

इसका मतलब यह है कि निवेशकों को अपने रिटर्न भरते वक्त काफी सावधानी से काम लेना होगा ताकि वे सही टैक्स चुकाएं और किसी भी तरह की कानूनी दिक्कत से बच सकें।

बजट 2024 के अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

NPS कॉन्ट्रिब्यूशन पर नई छूट

राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) में भी इस बार कुछ अच्छे बदलाव किए गए हैं। खासकर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए नियोक्ता की ओर से दी जाने वाली रकम पर मिलने वाली कटौती बढ़ाकर 14% कर दी गई है। पहले यह 10% थी। इससे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी सरकारी कर्मचारियों जैसी सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

पुराने टैक्स नियम के तहत यह कटौती अभी भी 10% पर बनी हुई है।

विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग में राहत

जो टैक्सपेयर्स विदेशी संपत्ति रखते हैं या विदेश में काम करते हुए स्टॉक ऑप्शन्स प्राप्त करते हैं, उनके लिए भी इस वर्ष राहत आई है।

  • अब ₹20 लाख तक की विदेशी संपत्ति की जानकारी न देने पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
  • पहले गैर-रिपोर्टिंग पर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जाता था।

हालांकि, विदेशी संपत्तियों की जानकारी ITR में देना अब भी जरूरी है।

नए टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन

बजट 2024 में नए टैक्स स्लैब भी पेश किए गए हैं, जो खासतौर पर नए टैक्स रेजीम (नए टैक्स नियम) के तहत लागू होंगे।

  • कई सैलरीड कर्मचारियों के लिए यह स्लैब कम टैक्स देयता के लिहाज से बेहतर हैं।
  • नए नियम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी ₹75,000 तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले ₹50,000 था।

यह बदलाव करदाताओं को बिना किसी अतिरिक्त छूट के भी टैक्स बचाने में मदद करेंगे।

2025 की टैक्स फाइलिंग के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?

इस साल टैक्स फाइलिंग में सावधानी बहुत जरूरी हो गई है क्योंकि:

  • कैपिटल गेन्स पर नए नियमों की वजह से सही कैलकुलेशन करना जरूरी है।
  • पुराने और नए नियमों के तहत टैक्स दरों का फर्क है, इसलिए बिक्री की तारीख पर ध्यान दें।
  • विदेशी संपत्तियों की पूरी जानकारी दें और जुर्माना से बचें।
  • NPS योगदान और स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा उठाएं।
  • सही समय पर रिटर्न फाइल करें ताकि अतिरिक्त शुल्क और ब्याज न भरना पड़े।

ITR फाइलिंग 2025 के लिए ये बदलाव करदाताओं के लिए एक नया अनुभव लेकर आए हैं। वित्त मंत्रालय का उद्देश्य था टैक्स नियमों को सरल बनाना और विभिन्न संपत्ति वर्गों पर टैक्स के दायरे को एकसार करना।

हालांकि बदलावों के कारण करदाताओं को अब अधिक जागरूक रहना होगा और अपने निवेश और वित्तीय फैसलों को इस नए नियमों के मुताबिक समायोजित करना होगा। यदि आप इस नए कैपिटल गेन्स टैक्स नियम, ITR फाइलिंग की नई डेडलाइन और बजट 2024 में आए अन्य बदलावों को ध्यान से समझकर अपने टैक्स रिटर्न भरेंगे, तो न केवल आप समय पर टैक्स जमा कर पाएंगे, बल्कि किसी भी अनावश्यक जुर्माने या कानूनी परेशानी से भी बच सकेंगे।

तो इस साल के लिए आप तैयार हैं? अपने वित्तीय दस्तावेजों को समय से इकट्ठा करें, नए नियमों को समझें, और बेझिझक टैक्स फाइल करें। कोई सवाल हो तो मुझे बताइए, मैं आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार हूँ!

अगर आप चाहें तो मैं आपको टैक्स से जुड़ी और भी टिप्स दे सकता हूँ, या ITR फाइलिंग का प्रोसेस भी स्टेप-बाय-स्टेप समझा सकता हूँ। बताइए!(लेख संपादित: जेरोम एंथनी)

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