🎯 प्रस्तावना: कौशल और AI—नए युग की दो ताकत
दोस्तों, जैसा कि हम Skill India Mission के १० वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, उसी समय एक और बड़ी घोषणा हम सुना– भारत आने वाले 6 महीनों में विश्व का सबसे बड़ा AI-तैयार स्कूल जनसंख्या बन सकता है। यह कोई आलम-अलेल्या वादे नहीं, बल्कि एक ठोस योजना का परिचायक है जो की गई पहल, नीतियों और आकांक्षाओं पर आधारित है।
आज हम इस ब्लॉग में इस प्रस्तावना से आगे निकलेंगे—क्यों यह घोषणा मायने रखती है, किस तरह SOAR जैसी पहलों ने स्कूली शिक्षा में AI को शामिल किया, सरकार द्वारा कौन-कौन से नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए और आखिरकार यह सब कैसा बदलाव हमारे युवा भविष्य को लेकर ला सकता है।
1. Skill India मिशन: २०२५ तक एक दशक की यात्रा
1.1 मिशन की शुरुआत और उद्देश्य
१० वर्ष पहले, मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार-मुखी कौशल सिखाने के उद्देश्य से Skill India Mission की शुरुआत की थी। मकसद था:
- दक्ष युवा तैयार करना
- रोजगार सृजन
- स्वरोजगार को बढ़ावा देना
- शिक्षा-परीक्षा के समानांतर व्यावहारिक सीख सुनिश्चित करना
1.2 अब तक की उपलब्धियाँ
वर्षो में, Skill India ने गाँवों में कौशल-प्रशिक्षण केंद्र खुलवाए, युवाओं को प्रशिक्षित किया, और उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया। ग्रामीण महिला उद्यमियों से लेकर युवा छात्रों तक—हर कहानी में आत्मनिर्भरता का अहम योगदान इस मिशन का उद्देश्य सिद्ध करती है।
2. AI क्रांति—स्कूल स्तर पर SOAR पहल
2.1 SOAR (Skilling for AI Readiness) क्या है?
सरकार ने स्कूल स्तर से AI पढ़ाने की योजना बनाई, जिसका नाम रखा SOAR। इस पहल के तहत बच्चों को:
- AI की बुनियादी जानकारी
- समस्या-समाधान और रचनात्मक सोच
- मशीन लर्निंग के शुरुआती सिद्धांत
के आधार पर पढ़ाया जाएगा, ताकि वे सिर्फ उपभोक्ता न बनें, बल्कि AI को उपयोग में लाने वाले परिवर्तनशील युवा बन सकें।
2.2 अगले 6 महीनों की महत्वाकांक्षा
माननीय जयंत चौधरी जी ने कहा—“अगले 6 महीनों में हम साबित करेंगे कि हमारे स्कूली छात्र सक्रिय रूप से AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।” इसका मतलब है:
- प्लेटफॉर्म सक्रिय
- अभियन्ता अध्यापक
- उन्नत पाठ्यक्रम
- रिकॉर्डेड और लाइव डेमो सिस्टम
यह केवल तकनीकी कौशल का प्रसार नहीं, बल्कि डिजिटल साक्षरता के साथ आत्मविश्वास की भी कहानी है।
3. “स्किलिंग = सम्मान” का मंत्र
जयंत चौधरी जी ने जोर दिया है कि स्किलिंग कोई अंतिम उपाय नहीं, बल्कि मौलिक आधार है। चाहे:
- पुराने कर्मचारियों का पुनः प्रशिक्षण
- ग्रामीण महिलाएं उद्यम शुरू करना
- युवा AI सीखने की प्रक्रिया
हर पहल से यह बात स्पष्ट होती है कि कौशल और कार्य—सम्मान के स्रोत हैं।
4. ‘बात किसी भी उम्र की’—समावेशी रणनीति
Skill India केवल कॉलेज-स्तरीय या तकनीकी स्कूलों तक सीमित नहीं, बल्कि यह कृषि, स्वास्थ्य, सेवा क्षेत्र, ग्रामीण उद्योगों तक फैल चुका है।
इसके तहत:
- PM Vishwakarma Yojana – कारीगरों को कौशल दिलाना
- NIESBUD, IIE जैसे संस्थान – कौशल आधारित व्यवसाय सिखाना
- राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय ITI (Industrial Training Institutes)—प्रमाणन और प्रशिक्षण
इस समावेशी प्रक्रिया से हर वर्ग, हर क्षमताधर्मी व्यक्ति जुड़ता है।
5. १० वर्षीय जश्न—नए क्षितिज, नयी पहलें
5.1 लॉन्च की गई प्रमुख परियोजनाएँ
Skill India की 10वीं वर्षगांठ पर कई नई योजनाओं की शुरुआत हुई:
- IndiaSkills 2025–2026 Operational Guidelines & Registration Portal
आगामी विश्व कौशल स्पर्धा (WorldSkills Competition) को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत मानदंड और पंजीकरण प्रणाली। - SOAR
स्कूली बच्चों को AI तथा डिजीटल कौशल की शुरुआती तैयारियों के लिए समर्पित पहल। - NCVET’s KaushalVerse Digital Enterprise Portal
नियामक बोर्ड द्वारा प्रमाणित लाभार्थियों, प्रशिक्षण प्रदाताओं, और उद्योगों के बीच संबंधों को आसान बनाने वाला पोर्टल। - Assessment Agencies और Awarding Body Guidelines
कौशल प्रमाणन और मुल्यांकन संस्थाओं के लिए साझा दिशानिर्देश। - All New Apprenticeship Training Portal
अप्रेंटिस प्रशिक्षण के लिए सरल व व्यापक डिजिटल प्लेटफार्म।
5.2 रिपोर्ट्स एवं हैंडबुक जारी
- India Semiconductor Workforce Strategy
सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए मानव-संसाधन योजना। - Skill Impact Bond Report
कौशल परियोजनाओं में निवेश और परिणाम-स पलरे मूल्यांकन। - Decentralized Planning Book
स्थानीय स्तर पर योजनात्मक रणनीतियों की रूपरेखा। - JSS Employability Skills Trainer Handbook
प्रशिक्षकों के लिए रोजगार-कुशलता को प्राथमिकता देने वाली दस्तावेज।
ये दस्तावेज़ न केवल वर्तमान पैटर्न को दोहराते हैं, बल्कि भविष्य की दिशा भी निर्धारित करते हैं।
6. सार्वजनिक-निजी और अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़
Skill India के जश्न के दौरान कई महत्वपूर्ण MoU (सहमति पत्र) भी हुए:
6.1 भारत–फ्रांस सहयोग
भारतीय कौशल मंत्रालय (MSDE) और फ्रांसीसी सरकार के बीच समझौता—साझा पाठ्यक्रम, अनुभव विनिमय, उच्च स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र।
HE Thierry Mathou (फ्रांस के राजदूत) ने समझाया:
“From joint curricula to Centres of Excellence, from talent exchange to innovation‑led training, we are laying the foundation of a future‑ready workforce.”
यह समझौता दोनों देशों के युवाओं को विश्व स्तर का कौशल प्रशिक्षण और रोजगार देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
6.2 अन्य महत्वपूर्ण साझेदारी
- NSTI Bangalore ↔ SLN Technology: DST के सहयोग से तकनीकी नवाचार।
- NSTI Mumbai ↔ ICICI Foundation: ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली पहल।
- Flexi MoUs with Industries & IITs:
- Dixon Technologies
- Microsoft
- HCL
- Apollo MedSkills
- IIT Patna, IIT Hyderabad, IIIT Una, RRU Gandhinagar, NIT Agartala
इन समझौतों से शिक्षा–उद्योग–अकादमी के बीच त्रिपक्षीय सहयोग मजबूत होगा।
7. उम्मीदवारों की कहानियाँ—जमीनी स्तर पर प्रभाव
कार्यक्रम में शामिल हुए विभिन्न योजनाओं के तहत उम्मीदवारों की प्रेरक आवाज़ें:
- NAPS साइकेड – प्रशिक्षण और रोजगार बीच सेतु।
- NIESBUD – छोटे व्यवसायिक उद्यमिता को समर्थन।
- JSS, PM Vishwakarma, Skill Impact Bond, IIE – तकनीकी–परक और सामाजिक प्रभाव वाली कहानियाँ।
- ITI विजेता संस्थान – उनके प्रशिक्षण गुणवत्ता का सम्मान।
इन कहानियों ने महसूस कराया कि स्कूल-तक्नीके शिक्षा या ग्रामीण उद्यम-सहायता केवल एक नीति नहीं, बल्कि जिन्दगी बदलने वाला तंत्र बन चुकी है।
8. नीति निर्देशन, राज्य एवं शैक्षणिक समर्थन
इस कार्यक्रम में मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्ति:
- जितिन प्रसाद (राज्य मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी)
“स्किलिंग सिर्फ प्राथमिकता नहीं, बल्कि भारत के परिवर्तन की चाबी”—जैसे सशक्त शब्दों ने विषय को व्यापक दृष्टि से जोड़ा। - डॉ. सुकांत मजूमदार (राज्य मंत्री, शिक्षा विभाग)
शिक्षा में कौशल और ज्ञान का समन्वय, लचीली नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क और AI-अनुकूल शिक्षा की वकालत। - अन्य गणमान्य—जैसे अम्बिका G L वाल्मीकि, विक्रमजीत सिंह साहनी, राजित पुनहानी जी—जो नीति, विधान, उद्योग और क्षेत्रीय दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।
9. “Viksit Bharat 2047” के लिए पहला पायदान
ये सभी पहल और सहयोग केवल मानदंडों और रिपोर्टों का संग्रह नहीं हैं। यह एक व्यवस्थित दृष्टिकोण है—जिसका लक्ष्य है:
- बड़ी تعداد में AI-सक्षम युवा तैयार करना
- रोजगार, स्वरोजगार और डिजिटल रीडीनेस
- भारत की आकांक्षा—“विकसित भारत 2047”
- स्किल्ड, आत्मविश्वासी और भविष्य‑तैयार नागरिक
10. निवेश आज, बदलाव कल
Skill India के १० वर्ष पूरे होने पर SOAR, पब्लिक‑प्राइवेट साझेदारियाँ, MoUs, ITI संरचना, और युवाओं के अनुभव—ये सभी मिलकर एक समावेशी, प्रगतिशील और टेक-ओरिएंटेड इंडिया की ओर इशारा करते हैं।
इनका सार इस अध्ययन में निहित है:
- कौशल केवल ज्ञान की बात नहीं है—यह सम्मान, अवसर और आत्मविश्वास भी है।
- AI शिक्षा अब केवल तकनीकी संस्थानों तक सीमित नहीं, बल्कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के भीतर समाहित हो रही है।
- सरकार और उद्योग का संयुक्त प्रयास—जो गति और गुणवत्ता प्रदान कर सकता है।
इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि हमें यह विश्वास जगाना है कि आने वाले समय में हमारे स्टूडेंट्स भारत के सबसे बड़े AI वर्कफोर्स का हिस्सा होंगे, और 2047 तक पूरे विश्व में एक सक्षम, आत्मनिर्भर, और विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेंगे।
🔎 क्या करें, कौन सी भूमिका निभाएं?
- अभिभावकों, शिक्षकों, या स्थानीय विद्यालयों से जुड़े लोग—SOAR में भागीदारी करें।
- छात्र—AI सीखने की पहल में सक्रिय रहें, ऑनलाइन-ऑफ़लाइन संसाधनों का लाभ उठाएं।
- उद्योग—तकनीकी साझेदारी या प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाएं।
- सरकार—स्थानीय स्तर पर कौशल केंद्र खोलें, ITI गतिविधियों को सुदृढ़ करें।
- समाज—कौशल और शिक्षा को समान सम्मान दें, और युवाओं को रचनात्मक मार्ग भी दिखाएँ।
💡 समापन विचार
Skill India मिशन ने यह सिद्ध किया: कौशल कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक ब्रह्मास्त्र है—सरकारी योजनाओं से लेकर निजी-उद्योगों और युवा आत्मनिर्भरताओं तक। अब AI के साथ जुड़े SOAR जैसे प्रोजेक्ट हमें यह भरोसा देते हैं कि अगला दशक व्यापक बदलाव ला सकता है।
अगर आप शिक्षक हैं—तो छात्रों के साथ AI को समझें और लागू करें।
अगर विद्यार्थी हैं—तो सीखें, प्रश्न पूछें और AI को प्रयोग करें।
अगर नीतिकार या उद्यमी हैं—तो साझेदारी करें, निवेश करें, और अवसर बनाएं।
हमारा लक्ष्य सिर्फ १० वर्ष का उत्सव नहीं, बल्कि एक समीकृत “विकसित भारत 2047” की ओर एक क्रमिक, परन्तु निर्णायक यात्रा है।